Tulsi aarti lyrics - तुलसी आरती लिरिक्स
![]() |
Tulsi Maa |
Tulsi aarti lyrics
तुलसी के पौधे का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है, इसका महत्व शास्त्रों में भी बताया गया है, इतना ही नहीं इसका उपयोग औषधी के रूप में भी किया जाता है। हर प्यार में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल होता है, माना जाता है कि इसके बिना कोई भी प्यार अधूरा सा लगता है।
तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इसके अलावा हनुमानजी की पूजा में भी तुलसी का प्रयोग किया जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी और गंगाजल को चपटा नहीं माना जाता है। साथ रखता है।
किस कारण से की जाती है तुलसी की पूजा? किस कारण से की जाती है तुलसी की पूजा? नमस्कार दोस्तों, कट्टर मान्यताओं के अनुसार तुलसी माता की पूजा करना शुभ माना जाता है। .
हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा को असाधारण महत्व दिया गया है। कहा जाता है कि तुलसी की पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। तुलसी प्रेम के कई फायदे बताए गए हैं। पौधा शायद लगाया गया है।
तो आइए जानते हैं कि तुलसी पूजनीय क्यों है, इसके पीछे क्या रहस्य है, तुलसी प्रेम को इतना महत्व क्यों दिया जाता है, तुलसी की पूजा कैसे करें, इस पर हम विस्तार से विचार करेंगे।
प्रतिदिन उठकर तुलसी माता की पूजा करने के बाद, तुलसी माता को जल अर्पित करना, शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाना और तुलसी मंत्र का जाप करना चाहिए, फिर यह मानकर तुलसी माता की परिक्रमा करनी चाहिए कि तुलसी माता को वहीं रखा गया है आप परिक्रमा नहीं कर सकते। इसलिए जहां से आप तुलसी जी को जल अर्पित करें वहीं खड़े होकर परिक्रमा करें।
इसीलिए मेरे इस लेख का पूरा अध्ययन करें और तुलसी माता के बारे में कई अंदरूनी तथ्यों को विस्तार से जानें। इस लेख में तुलसी पूजन मंत्र और तुलसी पूजन का क्या महत्व है, यह बताया गया है तो आइए जानते हैं तुलसी पूजन क्यों किया जाता है।
हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा लगभग सभी लोगों के घरों में लगाया जाता है और हर कोई तुलसी मां की पूजा करता है, तुलसी मां की पूजा करना बेहद जरूरी माना जाता है।
जो लोग नित्य प्रेम करते हैं उन्हें एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि रविवार के दिन तुलसी माता को जल न चढ़ाएं, दिन के प्रथम प्रहर में तुलसी माता को निरन्तर प्रेम करें, रात को तुलसी माता से संपर्क करें और जल चढ़ाना मना माना जाता है। .
ऐसी असाधारण बातों को याद करते हुए आपको तुलसी मां से प्रेम करने की जरूरत है। नकदी और अनाज की कोई कमी नहीं है।
तुलसी आरती पीडीऍफ़ में डाउनलोड के
लिए नीचे लिंक पर क्लिक करे :-
Tulsi aarti in pdf
तुलसी आरती इन हिंदी :-
Tulsi aarti in hindi :-
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।
तुलसी माता का मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया
तुलसी नामाष्टक मंत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
श्री तुलसी नामाष्टक मंत्र जाप की विधि
तुलसी की पूजा करे और परिक्रमा करे।
- तुलसी जी के सामने घी का दीपक जलाये
- तुलसी की माला से 108 बार श्री तुलसी नामाष्टक मंत्र का जाप करे।
तुलसी माता का नामाष्टक मंत्र जप करने के लाभ:
- श्री तुलसी नामाष्टक मंत्र का जाप करने से धन में वृद्धि होती है।
- श्री तुलसी नामाष्टक मंत्र का जाप करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- इस मंत्र का जाप करने से हर बीमारी से निजात मिलता है।
- इस मंत्र का जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- तुलसी किसी पूजा या श्राद्ध दोनों में इस्तेमाल की जाती है।
- इस मंत्र का जाप तुलसी माता के सामने बैठकर करना चाहिए।
तुलसी को तोड़ने और जल देने का मंत्र :-
इसीलिए इन मंत्रों का उल्लेख पवित्र ग्रंथों में किया गया है जिन्हें तुलसी पर जल चढ़ाते समय या तुलसी के पत्ते तोड़ते समय प्रस्तुत करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे तुलसी मैया के उपहारों से खुशी, सफलता और प्रचुरता मिलती है। तुलसी माता को प्रणाम करने के बाद इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। तुलसी माता को जल चढ़ाने और प्रणाम करने के बाद इस मंत्र का जाप अवश्य करें।
तुलसी को जल देने का मंत्र :-
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
तुलसी की पत्तियां तोड़ने के मंत्र
- ॐ सुभद्राय नम:
- ॐ सुप्रभाय नमः
- मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
तुलसी पूजन के बाद इस मंत्र का करें जाप
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीहरिप्रिया
यदि किसी प्रेम या किसी कार्य के लिए तुलसी के पत्ते की अपेक्षा की जा रही हो तो उन्हें तोड़ने से पहले इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों को पढ़ने से दृढ़ विश्वास, तुलसी के पत्ते को तोड़ने से कोई नुकसान नहीं होता है।
तुलसी के पौधे को पवित्र और पूजनीय पौधे के रूप में देखा जाता है। कड़े दृष्टिकोण से ज्ञात होता है कि तुलसी के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। तुलसी को लक्ष्मी का एक और रूप माना जाता है
तुलसी का पेड़ लगभग सभी के घर में लगा होता है और हर कोई तुलसी मां की लगातार पूजा करता है। कहा जाता है कि जिस स्थान पर तुलसी का पौधा लगाया जाता है वहां विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
जिस घर में तुलसी माता का वास होता है उस घर में किसी भी प्रकार का जाना शुभ होता है, जीवन सुखमय रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी का प्रेम दृढ गुण पैदा करता है
जो अनेक रोगों के निवारण में उपयोगी हैं, सनातन धर्म के सभी स्थानों पर तुलसी पूजन अवश्य किया जाता है और तुलसी के पत्तों का भी श्रद्धापूर्वक सेवन किया जाता है, जो कई लोगों के बचाव में लाभकारी सिद्ध होता है।
तुलसी पूजन का महत्व:
शास्त्रों में तुलसी प्रेम का अनूठा महत्व बताया गया है, जिसके अनुसार तुलसी की पूजा करना मूल रूप से लाभकारी माना गया है। तुलसी प्रेम का सबसे बड़ा महत्व यह है कि इसमें शासक विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है
जिसके कारण तुलसी माँ पूजनीय हैं, शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी माता लक्ष्मी का दूसरा रूप हैं। तुलसी को प्यार करने से सभी लोग मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को तृप्त करते हैं जिससे उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सनातन धर्म में तुलसी प्रेम को विशेष महत्व दिया गया है। हिन्दू धर्म के व्यक्तियों को अपने घरों में तुलसी के पेड़ की स्थापना करनी चाहिए और वे इसे दिन-ब-दिन पसंद करते हैं, जिससे उन्हें कई तरह के फायदे मिलते हैं
वे अपने धार्मिक रीति-रिवाजों को आगे बढ़ाते हुए उसकी मर्यादा और मर्यादा का लगातार पालन करते हैं, इससे कटुता भी बढ़ती है। तुलसी को सख्त नजरिए से एक पवित्र और पूजनीय पौधे के रूप में देखा जाता है।
tulsi ki pooja kaun se din karni chahiye ?
उत्तर :- वैसे तो तुलसी पूजा का कोई विशेष दिन नहीं माना जाता है , प्रतिदिन तुलसी माँ की पूजा की जाती है। लेकिन कुछ मान्यताओं में रविवार के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाया जाता है , साथ ही एक मान्यता के अनुसार एकादशी के दिन भी तुलसी पूजा निषेध मानी जाती है।
2. तुलसी माँ की पूजा कैसे की जाती है ?
Tulsi ji ki pooja kaise ki jaati hai ?
उत्तर :- प्रतिदिन जैसे आप उठकर स्नान आदि करने के बाद अपने घर के मंदिर में पूजा करते है , उसी समय आप तुलसी पूजा कर सकते है। इसके लिए आप एक घी का दीपक जलाकर तुलसी माँ के चरणों में रख दे , ऐसा ही आपको शाम के वक़्त भी करना है।
3. तुलसी के पास कौन सी पांच चीजे नहीं रखनी चाहिए ?
Tulsi ke paas kaun si paanch cheeje nahi rakhni chahiye ?
उत्तर :- तुलसी माँ के पौधे के पास हमेशा सफाई रेहनी चाहिए , कुछ घर में तुलसी माँ के पास कूड़ा , झाड़ू , जुत्ते - चप्पल , घर का कबाड़ , या सफाई का सामन रख देते है। ऐसा बिलकुल भी नहीं करना चाहिए , इससे माँ तुलसी का अपमान होता है।
4. तुलसी जी की पूजा कैसे की जाती है?
उत्तर :- तुलसी जी की नियमित पूजा बहुत ही साधारण है , इसके लिए आप सुबह स्नान आदि से निवृत होने के बाद तुलसी जी में जल अर्पित करे , और संध्या के समय तुलसी जी में गाय के घी का दिया जलाये।
5. तुलसी में दीपक कब नहीं चलना चाहिए?
उत्तर :- कहा जाता है की रविवार के दिन तुलसी जी के पौधे में जल नहीं देना चाहिए और ना ही संध्या काल ज्योत जलानी चाहिए।
धर्म ध्यान की विशेष श्रेणियां :-
0 टिप्पणियाँ