भगवान विष्णु(Bhagwan Vishnu) की चालीसा(Chalisa) घर पर पढ़ने से यह फायदे हैं
जो हर किसी को पता नहीं है जो लोग घर में भगवान विष्णु चालीसा पढ़ते हैं उनके घर हमेशा खुशहाल होते हैं और सुख समिर्द्ध घर मे आती है|
Vishnu Chalisa Lyrics In Hindi
विष्णु चालीसा हिंदी में
दोस्तों भगवान विष्णु चालीसा(Vishnu Chalisa) लगातार एक हफ्ता पढ़ने के बाद इसका महत्व आप खुद ही समझ जाएंगे,जो भक्त हफ्ते में एक ही बार यानी गुरुवार के दिन भगवान विष्णु चालीसा(Vishnu Chalisa) पढ़ते हैं उन पर भी भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती हैं।
हिंदू देवी देवताओं में से प्रमुख देवता है भगवान विष्णु इनकी कृपा पाने के लिए बस आप लगातार भगवान विष्णु की चालीसा पढ़िए। आपके घर में बुरी आत्मा से लेकर प्रेतात्मा तक दूर रहेंगे।
ताकि उनके जीवन में किसी भी प्रकार के संकट ना आए । मित्रों जो लोग भगवान विष्णु चालीसा एक बार पढ़ लेते है तो समझ लीजिए वह हमेशा भगवान विष्णु चालीसा पड़ते रहेंगे,
क्योंकि आपको इसका महत्व के बारे में पता चल जाता हैं इसलिए मित्रों इसे पढ़ने में और देर ना लागये ,आज से ही शुरू करें भगवान विष्णु की चालीसा इसे पढ़ने से आपके जीवन के किसी भी प्रकार केकठिन से कठिन कार्य सरल हो जायेगे।
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यदि आपकी आर्थिक व्यवस्था बहुत कमजोर है तो आप भगवान विष्णु की आराधना सुरु करे , और यदि भगवान विष्णु की कृपा एक बार आप पर पढ़ जाए , तो आपके अर्थव्यवस्था में सुधार हो जाएगा, धन की कमी नहीं होगी । इसलिए हम सभी मनुष्य को भगवान विष्णु चालीसा जरूर पड़ना चाहिए ।
श्री विष्णु चालीसा हिंदी में :-
Shri Vishnu Chalisa in Hindi :-
(vishnu chalisa lyrics)
||दोहा||
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय॥
||चौपाई||
नमो विष्णु भगवान खरारी,
कष्ट नशावन अखिल बिहारी।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी,
त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥
सुन्दर रूप मनोहर सूरत,
सरल स्वभाव मोहनी मूरत।
तन पर पीताम्बर अति सोहत,
बैजन्ती माला मन मोहत॥
शंख चक्र कर गदा बिराजे,
देखत दैत्य असुर दल भाजे।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे,
काम क्रोध मद लोभ न छाजे॥
सन्तभक्त सज्जन मनरंजन
दनुज असुर दुष्टन दल गंजन सुख
उपजाय कष्ट सब भंजन,
दोष मिटाय करत जन सज्जन॥
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पाप काट भव सिन्धु उतारण,
कष्ट नाशकर भक्त उबारण।
करत अनेक रूप प्रभु धारण,
केवल आप भक्ति के कारण॥
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा,
तब तुम रूप राम का धारा।
भार उतार असुर दल मारा,
रावण आदिक को संहारा॥
आप वाराह रूप बनाया,
हरण्याक्ष को मार गिराया।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया,
चौदह रतनन को निकलाया॥
अमिलख असुरन द्वन्द मचाया,
रूप मोहनी आप दिखाया।
देवन को अमृत पान कराया,
असुरन को छवि से बहलाया॥
कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया,
मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया,
भस्मासुर को रूप दिखाया॥
वेदन को जब असुर डुबाया,
कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया।
मोहित बनकर खलहि नचाया,
उसही कर से भस्म कराया॥
असुर जलन्धर अति बलदाई,
शंकर से उन कीन्ह लडाई।
हार पार शिव सकल बनाई,
कीन सती से छल खल जाई॥
सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी,
बतलाई सब विपत कहानी।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी,
वृन्दा की सब सुरति भुलानी॥
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देखत तीन दनुज शैतानी,
वृन्दा आय तुम्हें लपटानी॥
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी,
हना असुर उर शिव शैतानी॥
तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे,
हिरणाकुश आदिक खल मारे।
गणिका और अजामिल तारे,
बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे॥
हरहु सकल संताप हमारे,
कृपा करहु हरि सिरजन हारे।
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे,
दीन बन्धु भक्तन हितकारे॥
चहत आपका सेवक दर्शन,
करहु दया अपनी मधुसूदन।
जानूं नहीं योग्य जब पूजन,
होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन॥
शीलदया सन्तोष सुलक्षण,
विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण।
करहुं आपका किस विधि पूजन,
कुमति विलोक होत दुख भीषण॥
करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण,
कौन भांति मैं करहु समर्पण।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई
हर्षित रहत परम गति पाई॥
दीन दुखिन पर सदा सहाई,
निज जन जान लेव अपनाई।
पाप दोष संताप नशाओ,
भव बन्धन से मुक्त कराओ॥
सुत सम्पति दे सुख उपजाओ,
निज चरनन का दास बनाओ।
निगम सदा ये विनय सुनावै,
पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै॥
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गुरुवार को विष्णु चालीसा का पाठ करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:-
Guruvar Ko Vishnu Chalisa ka Paath Karte Samay yaad Rakhne Wali Baatei :-
सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर पीले वस्त्र धारण करें।
चालीसा का पाठ करते समय पीले आसन पर विराजमान हो।
विष्णु चालीसा का पाठ करते समय विष्णु जी को पीले पुष्प अर्पित करें।
विष्णु चालीसा का पाठ गुरुवार से प्रारंभ करें।
विष्णु चालीसा का पाठ करते समय विष्णु जी की तस्वीर के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं।
तांबे के कलश में पानी भरकर रखें और उसमें चुटकी भर हल्दी डालकर पूजा करें। पूजा संपन्न होने पर कलश के पानी का छिड़काव पूरे घर में करें।
पूजा संपन्न होने पर केले के पौधे में पानी अर्पित करें।
विष्णु भगवान को हल्दी का तिलक करें
विष्णु जी को पूजा में केले अर्पित करे
विष्णु जी को चढ़ाएं केले व प्रसाद स्वयं ग्रहण ना करें, किसी छोटे बच्चे को प्रसाद दे दें।
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विष्णु जी के प्रिय मंत्र :-
Vishnu Mantra Hindi :-
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवाय।
ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु
प्रचोदयात्।
ॐ विष्णवे नम:।
ॐ हूं विष्णवे नम:।
ॐ नमो नारायण।
श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
घर में सुख समृद्धि और संपन्नता के लिए मंत्र :-
Vishnu Mantra :-
ओउम भूरिदा देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
विष्णु जी के अन्य मंत्र :-
Vishnu Mantra :-
ॐ अं वासुदेवाय नम:।
ॐ आं संकर्षणाय नम:।
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।
ॐ नारायणाय नम:।
धर्म ध्यान की विशेष श्रेणियां :-
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